शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

आप किसे संतुष्ट कर रहे हो

आप किसे संतुष्ट कर रहे हो .................... आपने कभी सोचा है कि आपको अगर एक दिन खाना नहीं मिले तो आप कितने व्याकुल हो जाते है और थोड़ी देर पानी नहीं मिले तो आपकी क्यो हालत हो जाती है क्योंकि ये आपके शरीर को चलाने के लियें जरूरी है , पर आपका इन पर कण्ट्रोल नहीं है , इनका आप पर कण्ट्रोल है ये नहीं मिले तो आप अपना पराया सब भूल जाते हैआपका ज्यादातर समय तो अपने शारीर कि आवश्यकताओ को पूरा करने में चला जाता है तो फिर आप अध्यात्म कि तरफ कब ध्यान दोगे जो कि वास्तव में जरूरी है

3 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बढ़िया पोस्ट।आभार।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

अध्यात्म कि तरफ कब ध्यान दोगे?

पियु्ष जी यह एक यक्ष प्रश्न है।
अध्य+आत्म = अध्यात्म-स्वयं को जानना
स्वयं को जानने के पश्चात व्यक्ति पुरी दुनिया को जान जाता है। ऐसा हमारे शास्त्रों मे कहा गया है।
मुमुक्षु ही इस राह पर चलते हैं, जिन्हे चाह होती है,
बढिया पोस्ट, आभार
वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें तो ठीक रहेगा।

Udan Tashtari ने कहा…

आपको और ललित जी को पढ़कर चिन्तन में लग गया हूँ.