शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
आज के बाद कल .....
आज के बाद कल .....
और उसके बाद एक और कल , इसी प्रकार कितने ही कल निकल चुके है और कितने ही कल निकल जायेंगे। पर तब क्यो करोगे जब एक आखरी कल आयेंगा , जाहिर है कुछ नहीं ... क्योंकि आपको पता ही नहीं है कि आखरी कल आने पर क्या करना है , कभी हमने प्रयास ही नहीं किया। प्रयास क्यों करे, हम अच्छे से जीवन जी तो रहे है , आज हमारे पास सब कुछ है और जो नहीं है उसके लियें प्रयास कर रहे है बस और क्या चाहियें ..........
पर सिर्फ यही काफी नहीं है भाई क्योंकि असल जिंदगी तो उसके बाद है यह सब तो छलावा है जो आपके कण्ट्रोल में नहीं है , आज जो आपके पास है कल वो किसी और के पास होगा तो फिर क्यों ना उस असल जिंदगी के लियें प्रयास किया जाएँ जो कि वास्तव में आने वाली है .................
गुरुदेव भला करें .....
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2 टिप्पणियां:
सुंदर विचार, शुभ विचार, आभार।
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जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
उस आने वाली जिंदगी और आपकी इस प्रविष्टि का स्वागत है ...!!
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