गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

आपका विनाश हो इसके पहले यह जरूरी है ...........

आपका विनाश हो इसके पहले यह जरूरी है ........... है कि आप अपना बसेरा कही और ढूंढ़ ले वरना आपको भटकना पड़ेगा कैसे ? बात पर जरा ध्यान दीजियें .......... अगर आपको कोई २४ घंटे का अल्टीमेटम दे तो आप पहले क्या करोगे ......... आप अपनी ही लोकेलिटी का एक नया घर खोजोगे जिसमे आप के लेवल के या आपसे स्टेंडर्ड लोग रहते हो , आपकी ही जाती, समाज के लोग रहते हो , की आपसे छोटे रहन सहन वाले या फिर दूसरी जाती या समाज के लोग रहते हो? क्यो ठीक कहा मैंने ? तो फिर आपको ये बात क्यो नही समझ में आती की जब इस मानव देह को पता नही अल्टीमेटम मिले या मिले और इसे खाली करने का टाइम आयेंगा तो आप कौन सी लोकेलिटी में अपना नया घर यानि की कौन सी नयी देह खोजोगे (मानव या उससे ऊँची( देव) या फिर दूसरी गिरी हुई कुत्ते ,बिल्ली , सूअर ..............) तो फिर जैसे आपने अपना एक मकान होते हुए भी दुसरे मकान बना रखे है या उनकी व्यवस्था कर रखी है की वक्त आने पर दुसरे अच्छे घर में चले जायेंगे तो फिर ये तो जीवन के उस सत्य की बात हो रही है जो की मरने के बाद साथ जाता है ... राम नाम सत्य है .....यही बोला जाता है ........................... तो फिर ऐसे घर की तलाश तो करनी ही पड़ेंगी ........ तो मुझे बताइए अगर आप भी तलाश करना चाहते है .......प्लीज़ अच्छा अगर ये बात समझ नही आती है तो एक और बात सुनियें एक हवाई जहाज उडान भरता है तो उसे पता होता है की उसे कहा लेंड करना है और अगर वह बिना पता किए उड़ जायें तो उसे क्रेश होना पड़ता है या फिर कही गन्दी जगह भी लेंड कर सकता है (मतलब कुत्ते बिल्ली की बात कर रहा हूँ , अगर आपका जिव तत्त्व ये बिना जाने ही आपका शरीर छोड़ देता है की मुझे अगला जन्म इन्सान या उससे अच्छा कोई और देह हो उसमे लेना है तो ठीक है लेकिन अगर बिना पता किए अगर म्रत्यु आ गयी तो फिर कुत्ते , बिल्ली की देह में लेंड करना पड़ेंगा ) समझ रहे हो न .................. क्योंकि हवाई जहाज तो वापस भी आ सकता है लेकिन आपकी आत्मा एक बार बहार निकलने के बाद वापस नही आ सकती .......ॐ साईं राम , ॐ श्री गुरुदेव दत्त

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