गुरुवार, 24 दिसंबर 2009
कल बीत गया , वर्तमान आज है जो अभी भूत हो जायेगा ...
कल बीत गया , वर्तमान आज है जो अभी भूत हो जायेगा ...
अरे तो आप कहा ई इस भूत , वर्तमान के चक्कर में । कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है की मेरा क्या होगा अब, अगले पल या तो मै जिन्दा रहूँगा या उस अटल सत्य को पा जाऊंगा जिसे मौत कहते है । पर उसके बाद ?
यह सब आपके हाथ में हो सकता है जो की वास्तव में सत्य है अभी जो आप सत्य मान रहे है वो तो एक सपना है , झूठ है छलावा है , सपना तो तब टूटेगा जब आप उस अटल सत्य के साक्षी होंगे , लेकिन तब आपके पास कोई चारानहीं होगा ......
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1 टिप्पणी:
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