शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
सत्य क्या है ....
सत्य क्या है ....
सत्य वो है जिसे साबित करने कि जरूरत ना पड़े , सत्य वो है जिसे आप देखकर, जानकर भी अनजान बनने कि कोशिश करते है , सच
मौत है जिस पर आपका जोर नहीं चलता , आप जिस दुनिया में जी रहे है वो असत्य है इसका दूसरा पहलू ही सत्य है जिसकी तरफ हम देखना नहीं चाहते क्यों , क्योंकि वो आपको आपके झूठ से परिचय करता है , जिसके पास सत्य कि शक्ति है उसके पास ही असली शक्ति है , किसी के पास बहूत सारे पैसे आ जाने पर या कुछ एक व्यक्तियों पर हुक्म चला लेने को शक्तिशाली नहीं कहते , अरे शक्तिशाली तो वो है जो मुर्दे में भी जान डाल दे , अनहोनी को होनी कर दे या होनी को अनहोनी .........................
समझ रहे हो ना , तो फिर किस भुलावे में जी रहे हो ............
मै ये नहीं कहता कि कर्म मत करो या सन्यास ले लो , अरे कर्म करते हुए ही जिसने सत्य को पा लिया वही तो शक्तिशाली है...
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1 टिप्पणी:
कर्म करते हुए ही जिसने सत्य को पा लिया वही तो शक्तिशाली है...यही सही है.
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