शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

मैं कौन हूँ ....................

मैं कौन हूँ .................... यह एक सवाल है जिसका जानना बहूत जरूरी है हर इन्सान की जिंदगी में, मैं मतलब अहंकार ................. जब आप बात करते हैं "मैं" की तो आप हमेशा इस शरीर की बात करते हैं जो भी आपका नाम होता है..... जैसे राम ने बोला ये ब्लॉग राम ने बनाया, तो राम ने जिस राम की बात कहीं वो उस दो पैर , दो आँख , दो कान वाले एक शरीर की बात की ........... पर असलियत में तो राम, राम का शारीर नही हैं वह तो एक चोला है, जो की उस आत्मा ने इस जीवन चक्र कोचलने के लियें धारण करने के लियें धारण किया हैं। राम तो उसी परमात्मा का अंश है ............... इसीलियें जब आप अपनी बात करें तो हमेशा ये ध्यान रखें की आप आपके शरीर की बात नहीं कर रहे अपितु उस परम आत्मा की बात कर रहें हैं ..................... साईं राम ..................

2 टिप्‍पणियां:

kishore ghildiyal ने कहा…

apne aastitva ki khoj itni aasaan nahi hoti..... is sawaal ka jawaab janne me samay bahut lagega ......bahut khoob

Vinod Kad ने कहा…

Piyush Ji

Aapko yeh jaankar khushee hogi ki mujhe aapke sawaal ka uttar mil gaya hai. Uttar janane ke liye mere blog http://mainhoshhoon.blogspot.com

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Vinod