शनिवार, 12 सितंबर 2009

समाधी क्या हैं ?

समाधी क्या हैं ? जी हाँ समाधी ..........जागते हूए का स्वप्न है समाधी .................... नींद में तो आप सपना देखते है और उसमे आप सर्व शक्तिमान बन जाते है पर वो एक स्वप्न रहता हैं ...... जरा गौर किजीयें स्वप्न में आप जो चाहें वो कर सकते है आप उड़ सकते हैं पानी पर चल सकते हैं आप ऐसी ऐसी जगह जा सकते हैं जहाँ आप खुली आँखों से सोच भी नही सकते , पल भर में हिमालय तो कभी समुद्र की गहराइयों में गोता लगा सकते हैं, मन की गति से आप हर वो कार्य कर सकते हैं जो की जाग्रत अवस्था में आप नही कर तो क्या सोच भी नही सकते ................................... पर समाधी जाग्रत अवस्था का स्वप्न हैं जिसमें आप चेतन अवस्था में रहते हुए या जाग्रत अवस्था में रहते हैं और आप वो सारी चीजे जो की नींद में करते हो , सोचते हो कर सकते हो इसी लियें तो साधू संत समाधी पर जोर देते हैं और वो ख़ुद भी समाधी में लीन रहते हैं । समाधी एक अवस्था हैं जिसमे आप ख़ुद उस सर्व शक्तिमान सत्ता के समतुल्य या सर्व शक्तिमान बन जाते हों ॥ परमात्मा के समीप जाने और उन्हें महसूस करने का एक यही सर्वोतम साधन हैं। भगवन आपको अपने से संचार स्थापित करने का एक माध्यम देता हैं जिसका नाम समाधी हैं। और हाँ समाधी के लियें जो आवश्यक शर्त हैं वो ये की आपमें अहम नही होना चाहियें वैसे समाधी में जाने के बाद वैसे भी आपका अहम रहता ही नही हैं । क्योंकि अभी आप खड़े हैं या बैठे हैं मतलब आपकी रीढ़ की हड्डी आपको लियें खड़ी हैं यहीं अहम हैं .....................कैसे ? जैसे ही आप समाधी में जाते हैं आपका अहम निकल जाता हैं और आप गिर जाते हैं जिस भी पोजीशन आप में होते हैं ..... यही सबूत हैं आपके अहम निकल जाने का ...................... ॐ साईं राम बाबा मदद करें आपको समाधी समझने में ..........

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