शनिवार, 12 सितंबर 2009

स्रष्टि के मूल में क्या है

स्रष्टि के मूल में क्या है ? जी हाँ स्रष्टि के मूल में बिन्दु तत्व है , बिज तत्त्व जो की शिव का आधार हैं .............. आख़िर उस बिन्दु या बिज तत्त्व में है क्या ? उस बिज तत्त्व में वही हैं .............आप क्या समझते हैं ये ब्रह्मांड इतना बड़ा हैं जितना आप देख रहें है और जितनीआपकी सोच हैं , जो जितना बड़ा हैं वो उतने ही छोटे में समाया हुआ है ... बिन्दु में .... यही बिज है.... यही स्रष्टि काआधार हैं................. स्रष्टि का मूल आप है आप में ही समस्त स्रष्टि समाई हुई है (आप मतलब आपका शरीर नही , बल्कि आपकी आत्मा जो की उस परम चैतन्य का अंश है ...) आप के शरीर में ही धरती , आकाश, पाताल, ब्रह्मा, विष्णु , महेश समायें हुये हैं । पर यह सब आपको पता कब चलता हैं ? जब आप समझ जाते हैं की मैं कौन हूँ......

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

aap kahana kya chahate hai? spasta karen. me aapki bat samajha nahi paya hoon....

अपूर्व ने कहा…

स्रष्टि के मूल मे शब्द की अवधारणा की जाती है..नाद-बृह्म..सृष्टि का कारण और आधार..ओम!!!
आभार

Vinay ने कहा…

पीयूष जी सही फ़रमा रहे हैं
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Carbon Nanotube As Ideal Solar Cell

बेनामी ने कहा…

Sir Very good