सोमवार, 20 जुलाई 2009

जीवन कैसे जीना है.

" श्री अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक राजाधिराज योगिराज परब्रह्म सच्चिदानंद सतगुरु श्री साईनाथ महाराज की जय"
हाँ मुझे एक ओर बहुत महत्वपूर्ण बात पता चली है की कैसे जिया जाए इस माया की दुनिया में क्योंकि हमारे सारे धार्मिक गुरु हमें बताते है की इस तरह से जियो , उस तरह से जियो मतलब इस तरह से जीवन जियो की माया तुमपे हावी भी हो और तुम माया के साथ में रहते हुए अध्यात्म की ओर बढो। इसके लिए तुम्हें एक गुरु की जरूरत होती है अध्यात्मिक गुरू की की ऐसे गुरु की जो की आपकी भौतिक जरूरतों को पुरा करने के लिए आपको मार्गदर्शित करे, याद रखिए अध्यात्मिक गुरु............................ हाँ एक अध्यात्मिक गुरु जो की आपके तन मन और धन को पवित्र और निर्मल कर दे......................... आपको बिना गुरु के क्या समस्या आती है ये भी बताता हूँ ..... जब आप किसी अध्यात्मिक समागम से आते है तो आप अध्यात्म में रंगे हुए होते है लेकिन जब आप कुछ भी कार्य अध्यात्मिक उन्नति के लिए करते है तो ये भगवान् की माया आपको आपकी अध्यात्मिक उन्नति से रोकती है । यही तो माया है मतलब आपके घर आते ही आपकी काम, क्रोध, लोभ, मोह ..... की इच्छाये प्रबल हो जाती है और बस आपका बंटा ढ़ार ....... बस इसी चीज़ से बचने के लिए ही तो गुरु की जरूरत है। आपको अपने गुरु से यही तो प्रार्थना करना है की गुरुजी आप कुछ ऐसा दीजिये जिससे ये माया आप पर कम असर करे ..........क्योंकि पुरी तरह से अगर माया हट जाएँगी तो आप भगवान् बन जायेंगे ....................... आप गुरूजी से कभी भी भौतिक वस्तुओ की मांग न करे। और जब आप ऐसा गुरु से अध्यात्मिक उन्नति की मांग करते है तो आप सही मायने में इंसानों सा जीवन जीते है क्योंकि इंसानों का जीवन आपको मिला ही इसी लिए है की आप इस मायाजाल में रहते हुए इस भवसागर से पर हो जायें। भगवान् सबका भला करें। Yes I have also got one most important thing in life - How to live ? Yes it has always been taught by our all rituals and the teachers of religion that everybody has to live very gently but nobody is able to live like that. But here question is that why everybody is not? Because when you get up in the morning you are caught by "Maya" means "Kam, Krodh, Lobh, Moh" and you work according to that and it is natural unless and until you go to a coaching class of being gentle or you don't ask your teacher(spiritual teacher) to clean your mud on your heart or on your spirit or soul. So the conclusion is that you have to search for a spiritual teacher who could be able to clean your "Tan , Man , Dhan" or "spiritual health and wealth". Do mind it ..............and you will find your own ways.

2 टिप्‍पणियां:

chandan dharwal ने कहा…

Hello sir,

there was a question always in my mind when the all world(maya) is not for us then why god made us live and what is the secret of life, why we are living ?

Unknown ने कहा…

First of All I apologize that I cd not read your comment and reply u.
For answers you may call me on 09713935044 if you wish otherwise you read my blog further.