शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

कोई तो मेरी कसक समझो ......

कोई तो मेरी कसक समझो ...... हे प्रभु , हे मालिक ये मेरे दिल की कसक है जिसे मैं दुनिया वालो को समझाने कि कोशिश कर रहा हूँ ... कुछ तो है जिसे मैंने पा लिया है पर हो सकता है मुझे बताते नही आ रहा है ... यह सब अध्यात्मिक बातें सिर्फ़ दुनिया वालो को बताने के लिए है मै कुछ और भी चाहता हूँ ............ बस ६ महीने और आप दुनिया के उस सर्वोच्च यात्रा के साक्षी होंगे जिसके लियें आपका जन्म हुआ है...... असली यात्रा जो की सत्य है उस अनंत कोटि परमात्मा के मिलन की जिसको पाने का सपना तो सब देखते हैं लेकिन कुछ लोग ही होते है जो उस परम पिता परमेश्वर की कृपा से उसे पुरा कर पाते है....

3 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

समझ गये जी आपकी कसक यहाँ हर कोई किसी न किसी कसक को लिये बैठा है ब्लाग महाराज के चरणों मे। आपका स्वागत है ।हमे भी महाराज श्री के प्रवचनों से कृतार्थ करें। शुभकामनायें

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

कृपया अपनी बात को थोडा डिटेल से समझाइये....कसक अधूरी है.....

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

निर्मला जी ने सही कहा कि यहाँ हर कोई मन में कोई न कोई कसक पाले ही बैठा है.....लेकिन आप चिन्ता मत करें...हम आपकी इस यात्रा के सहगामी बने रहेंगें ।
शुभकामनाऎँ!!!!