शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

यह सब छलावा है............

यह सब छलावा है............ बस एक पल , हाँ बस एक पल आपको ये साबित करने के लियें काफी है....की यह सब माया है.....रिश्ते, नाते, मोह , माया ,................फ़िर क्या करोगे जब ये पता चलेगा और तुम भी मानने लगोगे की ये तो वाकई में छलावा है सत्य तोसिर्फ़ म्रत्यु है , वो परम सत्ता है, वो मालिक है जिसने सत्य बनाया हैं .......................... मैं ख़ुद भी इसी माया मैं उलझा हुआ हूँ... पर कभी कभी सोचता हूँ तो पाता हूँ हाँ सही में...........

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