सोमवार, 19 अक्तूबर 2009

ये मेरे दिल की कसक है....

ये मेरे दिल की कसक है.... और शायद हर एक उस व्यक्ति की है जिसे ये पता है की उसके हाथ में तो कुछ भी नही है वो तो एक कठपुतली मात्र है , सुनाने में तो ये बाते जानी पहचानी सी लगती है लेकिन अगर कोई भी इस पर थोड़ा सा ध्यान दे तो ये बताती है की यही जीवन का सत्य है , आप किस अभिमान में जी रहे है जो कुछ आपका आज है कल किसी और का होगा ...... फिर इस झूठे अभिमान से क्या ? मौत एक अटल सत्य है जिसे टला नही जा सकता , फिर ये किस बात का गुरुर , आप बिता हुआ एक पल भी वापस नही ला सकते तो फिर किस अभिमान में जी रहे है क्या आपके पास गाड़ी है बंगला है .....बस इसी अभिमान में .....ये सब तो आज तुम्हारे पास है कल नही होगा तो किस पर अभिमान करोगे ......जरा समझो तो सही .......बाकि साईं मालिक ........ जय बम भोले .........

2 टिप्‍पणियां:

श्रीकांत पाराशर ने कहा…

piyushji, sach kaha aapne,parantu vyakti yah sab sochta hi kahan hai.har koi sunta hai, padhta hai parantu use lagta hai ki mout vagerah uske liye nahin hai, yah sab dusaron ko aati hai. aadmi sochta hai ki vah to amar hi rahega. kam sabdon mein aapne jeevan ka yatharth batane ki koshis ki hai. aap aise hi milte julte vicharon ke liye mere blog par bhi ja sakte hain.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बिल्कुल सही विचार प्रेषित किए हैं।