शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

कोई तो मेरी कसक समझो ......

कोई तो मेरी कसक समझो ...... हे प्रभु , हे मालिक ये मेरे दिल की कसक है जिसे मैं दुनिया वालो को समझाने कि कोशिश कर रहा हूँ ... कुछ तो है जिसे मैंने पा लिया है पर हो सकता है मुझे बताते नही आ रहा है ... यह सब अध्यात्मिक बातें सिर्फ़ दुनिया वालो को बताने के लिए है मै कुछ और भी चाहता हूँ ............ बस ६ महीने और आप दुनिया के उस सर्वोच्च यात्रा के साक्षी होंगे जिसके लियें आपका जन्म हुआ है...... असली यात्रा जो की सत्य है उस अनंत कोटि परमात्मा के मिलन की जिसको पाने का सपना तो सब देखते हैं लेकिन कुछ लोग ही होते है जो उस परम पिता परमेश्वर की कृपा से उसे पुरा कर पाते है....

समय बड़ा बलवान है

समय बड़ा बलवान है ..... सबसे शक्तिशाली कौन है जिसके पास पैसा है , हथियार है , सत्ता है ........ हाँ जिसके पास ये सब है वो यह गलतफ़हमी जरूर पल सकता है की वो शक्तिशाली है .....पर आज जो उसके पास है कल उसके पास होगी या नही ...... यह उसे सोचने की जरूरत है ... ये बाते सुनाने में तो इतनी सिंपल है फिर भी लोगो के समझ में नही आती , बाबुजी यही तो माया का परदा है , अगर सबको समझ में आने लग जायेगी तो सब लोग उस अध्यात्मिक उन्नति की और अग्रसर नही हो जायेंगे ? ॐ साईं ............भगवन सबको समझने की शक्ति दे उस अध्यात्मिक सफर की ....अल्लाह मालिक साईं मालिक .......

सोमवार, 19 अक्तूबर 2009

ये मेरे दिल की कसक है....

ये मेरे दिल की कसक है.... और शायद हर एक उस व्यक्ति की है जिसे ये पता है की उसके हाथ में तो कुछ भी नही है वो तो एक कठपुतली मात्र है , सुनाने में तो ये बाते जानी पहचानी सी लगती है लेकिन अगर कोई भी इस पर थोड़ा सा ध्यान दे तो ये बताती है की यही जीवन का सत्य है , आप किस अभिमान में जी रहे है जो कुछ आपका आज है कल किसी और का होगा ...... फिर इस झूठे अभिमान से क्या ? मौत एक अटल सत्य है जिसे टला नही जा सकता , फिर ये किस बात का गुरुर , आप बिता हुआ एक पल भी वापस नही ला सकते तो फिर किस अभिमान में जी रहे है क्या आपके पास गाड़ी है बंगला है .....बस इसी अभिमान में .....ये सब तो आज तुम्हारे पास है कल नही होगा तो किस पर अभिमान करोगे ......जरा समझो तो सही .......बाकि साईं मालिक ........ जय बम भोले .........

रविवार, 18 अक्तूबर 2009

बस आपके जीवन के छः महीने दीजिये .......

बस आपके जीवन के छः महीने दीजिये ....... जी हाँ बस छः महीने और मेरे गुरूजी आपको इस जीवन की उन उचाईयों तक पहुँचा देंगे जहा पर होना ही इस जीवन का मूल उद्देश्य है ........जी आप विश्वास किजीयें कोई है जिसने यह सब कुछ पा लिया है और मन में कसक है की अब यह दुसरो को कैसे दू ....... और वो भी बिल्कुल सहज तरीके से और सरल तरीके से , आप इंदौर आइयें और बस कनाडिया रोड स्थित चैतन्य आश्रम जाईयें, आप विश्वास मानिये आपको अध्यात्मिक गुरु मिलेंगे जो की आपके जीवन का मूल्य समझा देंगे और अगर आप अपने ६ महीने उन्हें दान कर देंगे तो आप भी जीवन की उन बुलंदियों तक पहुच जायेंगे जो की किसी भी नार्मल व्यक्ति के लियें असंभव है बिना सद्गुरु की कृपा के .......... जय साईनाथ .....

मेरी बात पर ध्यान दो .........

मेरी बात पर ध्यान दो ................... वैराग्य क्या है ? वैराग्य उत्पन्न होना मतलब सांसारिक वस्तुओ से मोह का नष्ट होना, फिर वो चाहे काम, क्रोध,लोभ, मोह ही क्यो न हो... और वैराग्य जीवन के किसी भी चरण में उत्पन्न हो सकता है और यह उस परम पिता परमेश्वर की कृपा से ही होता है क्योंकि वैराग्य ही उस परम पिता परमेश्वर के निकट जाने का रास्ता है .....

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

यह सब छलावा है............

यह सब छलावा है............ बस एक पल , हाँ बस एक पल आपको ये साबित करने के लियें काफी है....की यह सब माया है.....रिश्ते, नाते, मोह , माया ,................फ़िर क्या करोगे जब ये पता चलेगा और तुम भी मानने लगोगे की ये तो वाकई में छलावा है सत्य तोसिर्फ़ म्रत्यु है , वो परम सत्ता है, वो मालिक है जिसने सत्य बनाया हैं .......................... मैं ख़ुद भी इसी माया मैं उलझा हुआ हूँ... पर कभी कभी सोचता हूँ तो पाता हूँ हाँ सही में...........