मंगलवार, 26 नवंबर 2013

जी हाँ हमारे ऋषि मुनियों ने हमे सिखाया है की जिंदगी का असली लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ खुद को जानना है , पर हम जाने क्यों जब हमारे पास घर गाड़ी बंगलो और हमारे भगवन का आशीर्वाद भी है ..........
बस यही एक प्रश्न हमे उस सत्य को जानने से रोकता है जिसे जानने के बाद हमारी  जिंदगी और भी आसान, सुखमय , और सुलभ हो जाती है और फिर जानने के लियें कुछ नहीं बचता .......

काणो के देश में एक दो आँख वाला व्यक्ति

काणो के देश में एक दो आँख वाला व्यक्ति किसी को काणा कहके बुलाये तो सब उसी पर हसेंगे और बोलेगे काणा क्या होता है क्योंकि वह पर तो हर व्यक्ति काणा है उसके पूर्वज और आने वाली पीढ़ी भी काणीहै, तो वो कैसे विश्वास करे कि दो आँखे भी हो सकती है | पर ये बात भी जरूर है कि दो आँखों वाला उसकी तुलना में देखेगा तो ज्यादा| इसी प्रकार महावीर स्वामी , भगवन बुद्ध और उनके जैसे कई महान आत्मा दो आँखों वाले थे और हम सब काणे पर हमारी भी कोई गलती नहीं क्योंकि हमने चारो और काणे ही काणे देखे | वे चाहते थे कि हमारी भी दो आँखे हो पर हम तो एक ही आँख से संतुष्ट है और हमारे बड़े बुढो ने भी ये हो बताया अरे एक आँख बहुत है इसी से भी तो सब कुछ दीखता है तो दूसरी आँख कि क्या जरूरत और ये सब करोड़ो में से किसी किसी को मिलती है हम वो नहीं है पर वो क्या इंसान नहीं थे |