सोमवार, 14 मार्च 2011

भगवान की साजिश ,

भगवान की साजिश ,

जी हाँ भगवान को ये पता है की इन्सान ही वो सर्वोत्तम कृति है जो मुझे अपने अधीन कर सकता है इसलियें भगवान ने उसे अपनी माया में इतना उलझा दिया है की वो उसमे इतना उलझा रहता है की वो उसे अनदेखा करता है जो सत्य है और उसके पीछे पड़ा रहता है जिसके पीछे भागकर कुछ समय का आनंद ले लेता है पर उसके बाद ? मंजिल मिलने पर क्या ............... दौड़ ख़त्म
इसलियें जब इन्सान असली दौड़ में दौड़ना चाहता है तो माया उसे अपनी नकली दौड़ में खीच लेती है और उसको लगता है की अरे वाह मै सबसे आगे दौड़ रहा हूँ वाकई में तो भगवान उसे अपनी दौड़ में सबसे पीछे कर देता है दुनिया की शोहरत और सफलता देकर .....
समझे न भगवान की साजिश को ....
इसलियें भगवान् से कभी दुनिया की सफलता तो मांगो ही मत वो तो ऐसे ही दे देगा तभी तो कभी कभी  बिना  मांगे सब कुछ  मिल जाता है तो इसमें भगवन का ही फायदा है